निशा घई
अक्सर लोग यह जानने के उत्सुक होते हैं कि क्या उनके हाथ में विदेश यात्रा योग है। विदेश में आजीविका कमाना बहुत लोगों का सपना है। कुछ लोगों को यात्राएं करना पसंद होता है। दूर देशों का भ्रमण करना उन्हे रूचिकर लगता है। हमारे हाथों की लकीरे इन यात्राओं के योग को दर्शाती है।
यात्राओं के लिए चन्द्र ग्रह एवं चन्द्र पर्वत का मुख्य योगदान है। पुराने ज्योतिष और हस्त सामुद्रिक शास्त्र में चन्द्र को समूद्री यात्रा या जल का कारक मानते है। आज इक्कीसवीं सदी में यह धारणा उतना ही महत्व रखती हैं।
चन्द्रमा को मन का कारक भी मानते है। यदि हमारी हथेली में चन्द्रमा की स्थिति अच्छी नहीं है तो व्यक्ति विचलित रहता है। उसके मन में उथल–पुथल लगी रहती है। चन्द्रमा बदलाव भी देता है। ऐसे व्यक्ति कोई भी कार्य टिककर नहीं कर सकते। वह जल्दी ऊब जाते हैं।
हथेली में विदेश यात्रा का योग देखने के लिये हम चन्द्र पर्वत को महत्व देगे। देखिये आपकी हथेली में इसकी स्थिति कैसी है। अगर चन्द्र पर्वत विकसित है और अन्य रेखाएं शुभ हैं तो व्यक्ति की विदेश जाने की इच्छा पूर्ण होती है। (चित्र न. 1 में देखें)
युक्त चन्द्र पर्वत एवं रेखाऐं इच्छा पूर्ति में बाधक होती हैं। चन्द्र पर्वत पर छोटी छोटी रेखाएं छोटी और कम लम्बी यात्रायें बताती हैं। यह यात्राएं देश–विदेश दोनों में हो सकती है। कलाई से चन्द्र पर्वत पर जाने वाली रेखायें विदेश यात्रा बताती है। (
विदेश से धन का योगः–
अगर हमारी हथेली में मत्स्य (मछली) का चिन्ह है तो विदेश से धन मिलता है। चन्द्र पर्वत पर मत्स्य का चिन्ह विदेश से आय बताता है।